श्री मल्लिनाथजिन स्तुति
“श्री मल्लिनाथजिन स्तुति” जिन काम मोह यमराज मल्ल, तीनोें को जीत विजेता हैं। वे मल्लिजिनेश्वर मेरे भी, दुष्कर्म मल्ल के भेत्ता हैं।। मिथिला नगरी के कुंभराज, औ प्रजावती मंगलकारी। शुभ चैत्र सुदी एकम के दिन, था हुआ गर्भ मंगल भारी।।१।। मगसिर सुदि ग्यारस में प्रभु को, सुरशैल शिखर पर ले जाके। सुरदेवी सह इंद्रादिकगण, अभिषेक…