मातृभक्ति
“…मातृभक्ति…” रचयित्री-बाल ब्र.कु. माधुरी शास्त्री१ यह भारत आज नहीं युग से, नारी से रहा न खाली है। नारी के ही कारण इसकी, गौरव गरिमा बलशाली है।। जहाँ ब्राह्मी और सुन्दरी की, माता यशस्वती-सुनन्दा हैं। वहाँ मोहिनी माता ने पाया, मैना सा पूनम चन्दा है।।१।। संतान मात की गोदी में, पलकर शैशव को प्राप्त करे। विधि…