२. प्रवचन का विषय
२. प्रवचन का विषय जिनेन्द्रदेव की वाणी ही प्रवचन का विषय है अत: कम से कम निम्नलिखित ग्रंथों का स्वाध्याय प्रवचनकर्त्ता को अवश्य ही होना चाहिए। १. प्रथमानुयोग में-महापुराण, उत्तरपुराण, पद्मपुराण, हरिवंशपुराण, पांडवपुराण, आराधनाकथाकोश, पुण्यास्रव-कथाकोश, बृहत्कथाकोश, जम्बूस्वामी चरित, धन्यकुमार चरित, महावीर चरित, श्रेणिक चरित आदि। २. करणानुयोग में-जैन ज्योतिर्लोक, त्रिलोकभास्कर, जम्बूद्वीप, गोम्मटसार जीवकाण्ड, कर्मकाण्ड, पंचसंग्रह…