म्हसवड़ में चातुर्मास, सन् १९५५
म्हसवड़ में चातुर्मास, सन् १९५५ समाहित विषयवस्तु १. संयमियों में शिरोमणि आचार्य शांतिसागर जी। २. आचार्य श्री शांतिसागर जी द्वारा सल्लेखना ग्रहण की खबर। ३. क्षुल्लिका वीरमती का दर्शनार्थ पहला आगमन। ४. आचार्यश्री का आशीष और उपदेश। ५. क्षुल्लिका वीरमती का लौटकर आचार्य श्री देशभूषण से ‘जोबनेर’ में मिलना। ६. गुरु आज्ञा से विहार-फल्टन में…