तिर्यंचों की भोगभूमि-कर्मभूमि व्यवस्था
तिर्यंचों की भोगभूमि-कर्मभूमि व्यवस्था पुष्कर द्वीपस्थ मानुषोत्तर पर्वत से उधर अर्ध पुष्कर द्वीप से लेकर स्वयंभूरमण द्वीपस्थ स्वयंप्रभ पर्वत के इधर-उधर असंख्यातों द्वीपों में भोगभूमि व्यवस्था है यहाँ के तिर्यंच युगलिया उत्पन्न होते हैं। एक पल्य आयु से सहित ये भोगभूमिज तिर्यंच जघन्य भोगभूमि के सुखों का अनुभव करते हैं। स्वयंप्रभ पर्वत के बाह्य अर्ध…