मातृभक्ति
मातृभक्ति रचयित्री-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती यह भारत आज नहीं युग से, नारी से रहा न खाली है। नारी के ही कारण इसकी, गौरव गरिमा बलशाली है।। जहाँ ब्राह्मी और सुन्दरी की, माता यशस्वती-सुनन्दा है। वहाँ मोहिनी माता ने पाया, मैना सा पूनम चन्दा है।।१।। संतान मात की गोदी में, पलकर शैशव को प्राप्त करे। विधि का…