भजन
भजन -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती तर्ज-जय जय माँ………. क्षीरोदधि के जल से, मस्तकाभिषेक करो। श्री पुष्पदंत प्रभु का, मस्तकाभिषेक करो।।टेक.।। काकंदी नगरी में, यह मंगल अवसर है। जहाँ नूतन मंदिर में, नवमें तीर्थंकर हैं।। उन तीर्थंकर पद में, वंदन सिर टेक करो। क्षीरोदधि के जल से, मस्तकाभिषेक करो।।१।। गणिनी माँ ज्ञानमती, की सम्प्रेरणा मिली। प्रभु जन्मभूमि…