श्री ज्ञानमती माताजी की आरती(A)
श्री ज्ञानमती माताजी की आरती(A) तर्ज—मन डोले, मेरा …….. हे बालसती, माँ ज्ञानमती, हम आए तेरे द्वार पे शुभ मंगल दीप प्रजाल लिया।। टेक.।। शरद पूर्णिमा दिन था सुन्दर, तुम धरती पर आईं। उन्निस सौ चौंतिस में माता, मोहिनि जी हरषाईं।।माता ……… थे पिता धन्य, नगरी भी धन्य, मैना के इस अवतार पे, शुभ मंगल…