भगवान श्री ऋषभदेव की आरती (C)
भगवान श्री ऋषभदेव की आरती (C) तर्ज—जयति जय जय मां सरस्वति…….. जयति जय जय आदि जिनवर, जयति जय वृषभेश्वरं। जयति जय घृतदीप भरकर, लाए नाथ जिनेश्वरं।।टेक.।। गर्भ के छह मास पहले से रतनवृष्टी हुई। तेरे उपदेशोें से प्रभु जग में नई सृष्टी हुई।। मात मरूदेवी पिता श्री नाभिराय के जिनवरं।।जयति…..।।१।। जन्मभूमि नगरि अयोध्या त्याग भूमि…