सामायिक विधि
सामायिक विधि…. सामायिक (देववंदना) सामायिक पाठ-हिन्दी पं. श्री लालाराम जी के चैत्यभक्ति के विषय में उद्गार णमोकार मंत्र का माहात्म्य
सामायिक विधि…. सामायिक (देववंदना) सामायिक पाठ-हिन्दी पं. श्री लालाराम जी के चैत्यभक्ति के विषय में उद्गार णमोकार मंत्र का माहात्म्य
णमोकार मंत्र का माहात्म्य….. (श्री उमास्वामि आचार्यविरचित) हिन्दी पद्यानुवाद-आर्यिका चन्दनामती विष्लिष्यन् घनकर्मराशिमशनि: संसारभूमीभृत:। स्वर्निर्वाणपुरप्रवेशगमने, नि:प्रत्यवाय: सतां।। मोहांधावटसंकटे निपततां, हस्तावलम्बोर्हतां। पायान्न: स चराचरस्य जगत: संजीवनं मन्त्रराट्।।१।। णमोकार यह मंत्रराज, घनकर्म समूह हटाता है। यह संसार महापर्वत, भेदन में वङ्का कहाता है।। सत्पुरुषों को स्वर्ग मोक्ष दे, संकट दूर भगाता है। मोह महान्धकूप में डूबे, को अवलम्बन…
पं. श्री लालाराम जी के चैत्यभक्ति के विषय में उद्गार पूज्यवर आचार्यश्री १०८ शांतिसागर जी महाराज ने अपने मुनिसंघ सहित वीर निर्वाण संवत् २४५७ (सन् १९३१) का चातुर्मास देहली नगर में किया था। उनके पुण्यमय दर्शन करने के लिए मैं भी देहली गया था। उस संघ में मुनिराज श्री १०८ श्रुतसागर जी भी हैं। इन…
सामायिक पाठ-हिन्दी (देववंदना) ईर्यापथ शुद्धि (खड़े होकर वंदनामुद्रा से यह पाठ पढ़ें) -दोहा- हे भगवन् ! ईर्यापथिक, दोष विशोधन हेतु। प्रतिक्रमण विधि मैं करूँ, श्रद्धा भक्ति समेत।।१।। -चौबोल छंद- गुप्ति रहित हो षट्कायों की, मैं विराधना जो करता। शीघ्र गमन प्रस्थान ठहरने, चलने में अरु भ्रमण किया।।२।। प्राणीगण पर गमन, बीज पर गमन, हरित पर…
२४ तीर्थंकर भगवन्तों की आरती….. १. भगवान श्री ऋषभदेव की आरती (A) भगवान श्री ऋषभदेव की आरती (B) भगवान श्री ऋषभदेव की आरती (C) २. भगवान श्री अजितनाथ की आरती ३. भगवान श्री संभवनाथ की आरती ४. भगवान श्री अभिनन्दननाथ की आरती ५. भगवान श्री सुमतिनाथ की आरती ६. भगवान श्री पद्मप्रभू की आरती ७….
णमोकार मंत्र स्तवनम् —शिखरिणी छंद— णमो अरिहंताणं, नमन है अरिहंत प्रभु को। णमो सिद्धाणं में, नमन कर लूँ सिद्ध प्रभु को।। णमो आइरियाणं, नमन है आचार्य गुरु को। णमो उवज्झायाणं, नमन है उपाध्याय गुरु को।।।१।। णमो लोए सव्व- साहूणं पद बताता। नमन जग के सब साधुओं को करूँ जो हैं त्राता।। परमपद में स्थित कहें…
दशधर्म की आरती तर्ज-बार-बार तुझे क्या समझाऊँ…………. दशधर्मों की आरति करके, होगा बेड़ा पार। धर्म के बिना इस जग में, कौन करेगा उद्धार।।टेक.।। आत्मा को दुख से निकालकर, जो सुख में पहुँचाता। हर प्राणी के लिए वही तो, सच्चा धर्म कहाता। उसी धर्म को धारण करके, होगा बेड़ा पार। धर्म के बिना इस जग में,…
क्षेत्रपाल देव की आरती तर्ज—झुमका गिरा रे…………. आरति करो रे, श्री क्षेत्रपाल देवा की सब मिल आरति करो रे, आरति करो, आरति करो, आरति करो रे।।श्री…।।टेक.।। विजय वीर मणिभद्र कहाते, आभा तेरी न्यारी है, अपराजित भैरव भी नाम हैं, कूकर वाहन धारी हैं। आरति करो………….. सम्यग्दृष्टी देवा की सब मिल आरति करो रे।।१।। देव शास्त्र…
सिद्धायिनी माता की आरती (इसमें किसी भी देवी का नाम लेकर उनकी आरती कर सकते हैं) तर्ज—लेके पहला पहला प्यार……….. जय जय हे सिद्धायिनि मात, तेरे चरण नमाते माथ तेरी आरति से मिटता है जग संताप ।। तेरे भक्त खड़े तेरे द्वार, बिगड़े सभी बनातीं काज तेरी आरति से मिटता है जग संताप ।।टेक.।। महावीर…
धरणेन्द्र देव की मंगल आरती तर्ज—मैं तो…………. मैं तो आरती उतारूं रे, धरणेन्द्र देवा की जय जय धरणेन्द्र देव, जय जय जय-२।।टेक.।। पार्श्वनाथ के शासन देव, महिमा जग न्यारी। सम्यग्दर्शन से हो परिपूर्ण, सब संकट हारी।। सुख के प्रदाता हो, मनवांछित दाता हो, इच्छा करो पूरी, भक्त की इच्छा करो पूरी।। मैं तो आरती उतारूं…