देवों के जन्म स्थान इन देवों के भवनों के भीतर उत्तम, कोमल उपपाद शाला है। वहाँ ये देव देवगति नाम कर्म के उदय से उत्पन्न होते हैं, अंतर्मुहूर्त में छहों पर्याप्तियों को पूर्ण कर १६ वर्ष के युवक के समान शरीर को प्राप्त कर लेते हैं। इन देवों के शरीर में मल, मूत्र, चर्म, हड्डी,…
भवनवासी देवों में सम्यक्त्व के कारण सम्यक्त्व सहित जीव मरकर भवनवासी देवों में उत्पन्न नहीं हो सकता है। कदाचित् जातिस्मरण, देव ऋद्धि दर्शन, जिनबिम्ब दर्शन और धर्म श्रवण के निमित्तों से ये देव सम्यक्त्व रत्न को प्राप्त कर लेते हैं। इन भवनवासी देवों से निकल कर जीव कर्मभूमि में मनुष्यगति अथवा तिर्यंचगति को प्राप्त करते…
भवनवासी देवों में जन्म लेने का कारण जो मनुष्य शंकादि दोषों से युक्त हैं, क्लेशभाव और मिथ्यात्व भाव से युक्त चारित्र को धारण करते हैं, कलहप्रिय, अविनयी, जिनसूत्र से बहिर्भूत, तीर्थंकर और संघ की आसादना करने वाले, कुमार्गगामी एवं कुतप करने वाले तापसी आदि इन भवनवासी देवों में जन्म लेते हैं।
देवों का अवधिज्ञान एवं विक्रिया अपने-अपने भवन में स्थित भवनवासी देवों का अवधिज्ञान ऊर्ध्व दिशा में उत्कृष्टरूप से मेरु पर्वत के शिखर पर्वत को स्पर्श करता है एवं अपने-अपने भवनों के नीचे-नीचे, थोड़े-थोड़े क्षेत्र में प्रवृत्ति करता है। वही अवधिज्ञान तिरछे क्षेत्र की अपेक्षा अधिक क्षेत्र को जानता है। ये असुरकुमार आदि १० प्रकार के…
देवों के शरीर की अवगाहना असुरकुमारों के शरीर की ऊँचाई – २५ धनुष
देवियों की आयु चमरइंद्र की देवियों की आयु – २-१/२ पल्योपम वैरोचन की देवियों की आयु – ३ पल्योपम भूतानंद की देवियों की आयु – १/८ पल्योपम धरणानंद की देवियों की आयु – कुछ अधिक १/८ पल्योपम वेणु की देवियों की आयु – ३ पूर्व कोटि वेणुधारी देवियों की आयु – कुछ अधिक ३ पूर्वकोटि…
देवों की आयु का वर्णन चमर, वैरोचन की आयु – १ सागरोपम भूतानंद, धरणानंद की आयु – ३ पल्योपम वेणु, वेणुधारी की आयु – २-१/२ पल्योपम पूर्ण, वसिष्ठ की आयु – २ पल्योपम जलप्रभ आदि शेष १२ इंद्रों की आयु – १ पल्योपम
इंद्रों का वैभव ये इंद्र लोग भक्ति से पंचकल्याणकों के निमित्त ढाई द्वीप में एवं जिनेंद्र भगवान की पूजन के निमित्त नंदीश्वर द्वीप आदि पवित्र स्थानों में जाते हैं शीलादि से संयुक्त किन्हीं मुनिवर आदि की पूजन या परीक्षा के निमित्त एवं क्रीड़ा के लिए यथेच्छ स्थान पर आते-जाते हैं। ये असुरकुमार आदि देव स्वयं…