भगवान श्री धर्मनाथ की आरती
भगवान श्री धर्मनाथ की आरती तर्ज—मन डोले, मेरा तन डोले………… जय धर्म प्रभू, करूणासिन्धू की मंगल दीप प्रजाल के मैं आज उतारूं आरतिया ।।टेक.।। पन्द्रहवें तीर्थंकर जिनवर, धर्मनाथ सुखकारी। तिथि वैशाख सुदी तेरस, गर्भागम उत्सव भारी।। प्रभू गर्भागम उत्सव भारी……….. सुप्रभावती, माता हरषीं, पितु धन्य भानु महाराज थे, मैं आज उतारूँ आरतिया।।जय धर्म…..।।१।। रत्नपुरी में…