भजन
भजन -आर्यिका चन्दनामती तर्ज-रोम-रोम से……. जनम जनम में पाऊँ जिनवर दर्श तुम्हारा-हाँ दर्श तुम्हारा। जम्बूद्वीप की रचना सा ना देखा कहीं नजारा।।जनम…… देखो तो स्वर्णाचल मेरु वैâसी छवि दरशाता। सूर्य चंद्र की किरणों से प्राकृतिक न्हवन करवाता। गंगा सिंधु नदियों की बहती है निर्मल धारा।।जनम…..।।१।। अपनी सुन्दरता के कारण जम्बूद्वीप प्रसिद्ध हुआ। श्वेत कमल का…