चौबीस भगवान की आरती
चौबीस भगवान की आरती… मैं तो आरती उतारूं रे चौबीसों जिनवर की। जय जय चौबीसों जिनवर, जय जय जय।।टेक.।। पहली आरती करूं वैâलाश, गिरिवर अनुपम की।।गिरिवर अनुपम की।। मुक्ति पाये जहां वृषभेश, नाभि के नन्दन की।।नाभि के नंदन की।। तीर्थ करतार कहे, युग के आधार रहे, महिमा है अपरम्पार। हो हो जिनकी महिमा है अपरम्पार।।मैं…