समुच्चय चौबीसी जिनपूजा
समुच्चय चौबीसी जिनपूजा वृषभ अजित संभव अभिनंदन, समुति पदम सुपार्श्व जिनराय। चंद्र पुहुप शीतल श्रेयांस नमि, वासुपूज्य पूजित सुरराय।। विमल अनंत धरम जस उज्जवल, शांति कुंथु अर मल्लि मनाय। मुनिसुव्रत नमि नेमि पार्श्व प्रभु, वर्द्धमान पद पुष्प चढ़ाय।। ॐ ह्रीं श्रीवृषभादिवीरांतचतुर्विंशतिजिनसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीवृषभादिवीरांतचतुर्विंशतिजिनसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं।…