सम्यग्दर्शन पूजा
सम्यग्दर्शन पूजा -दोहा- सिद्ध अष्ट-गुनमय प्रगट, मुक्त-जीव-सोपान। ज्ञान चरित जिहँ बिन अफल, सम्यक्दर्श प्रधान।। ॐ ह्रीं अष्टांगसम्यग्दर्शन! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननम्। ॐ ह्रीं अष्टांगसम्यग्दर्शन! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ ह्रीं अष्टांगसम्यग्दर्शन! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधीकरणम्। -सोरठा- नीर सुगंध अपार, तृषा हरै मल छय करै। सम्यग्दर्शन सार, आठ अंग पूजौं…