वासुपूज्य जिनपूजा
वासुपूज्य जिनपूजा -गीताछंद- वासवगणों से पूज्य भगवन्! वासुपूज्य महान हो। तीर्थंकरों में बारहवें, वर तीर्थकर्ता मान्य हो।। वर भक्ति श्रद्धाभाव से, प्रभु आप आह्वानन करें। पूजा रचाकर आपकी, निज आत्म आराधन करें।।१।। ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र मम सन्निहितो…