प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव के पुत्र भरत से भारत (आदिपुराण ग्रंथ से)
प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव के पुत्र भरत से भारत (आदिपुराण ग्रंथ से) इह जम्बूमति द्वीपे भरते खचराचलात्। दक्षिणे मध्यमे खण्डे कालसन्धौ पुरोदिते।।८।। पूर्वोक्तकुलकृत्स्वन्त्यो नाभिराजोऽग्रिमोऽप्यभूत्। व्यावर्णितायुरुत्सेधरूपसौन्दर्यविभ्रम: ।।९।। तस्यासीन्मरुदेवीति देवी देवीव सा शची। रूपलावण्यकान्तिश्रीमतिद्युतिविभूतिभि:२।।१२।। तस्या: किल समुद्वाहे सुरराजेन चोदिता:। सुरोत्तमा महाभूत्या चक्रु: कल्याणकौतुकम्३।।५९।। ताभ्यामलंकृते पुण्ये देशे कल्पांघ्रिपात्यये। तत्पुण्यैर्मुहुराहूत: पुरुहूत: पुरीं व्यधात्४।।६९।। संचस्करुश्च तां वप्रप्राकारपरिखादिभि:। अयोध्यां न परं…