क्षेत्र एवं पर्वतों के विस्तार का प्रमाण
क्षेत्र एवं पर्वतों के विस्तार का प्रमाण जम्बूद्वीप के विस्तार प्रमाण में एक सौ नब्बे का भाग देने पर जो लब्ध आवे उतना भरत क्षेत्र का विस्तार समझना चाहिए। यथा-१०००००´१९०·५२६-६/१९ योजन। इसके आगे-आगे के पर्वत, क्षेत्र आदि विदेह पर्यंत दूने-दूने होते गए हैं। जैसे-भरत क्षेत्र ५२६-६/१९ योजन। हिमवन् पर्वत १०५२-१२/१९ योजन, हैमवत क्षेत्र २१०५-५/१९ योजन,…