तृतीय काल का वर्णन
तृतीय काल का वर्णन ऊँचाई आदि घटते-घटते तृतीय काल प्रवेश करता है उस समय यहाँ पर जघन्य भोग भूमि की व्यवस्था रहती है। मनुष्यों के शरीर की ऊँचाई एक कोस, आयु एक पल्य है एवं हड्डियाँ चौसठ होती हैं। इस काल में उत्तम संहनन आदि से युक्त मनुष्य एक दिन के अंतराल से आंवले के…