जयमाला
जयमाला…. -दोहा- निजानंद पीयूषरस, निर्झरणी निर्मग्न। गाऊँ तुम गुणमालिका, होऊँ गुण सम्पन्न।।१।। -नरेन्द्र छंद- चिन्मय ज्योति चिदंबर चेतन चिच्चैतन्य सुधाकर। जय जय चिन्मूरत चिंतामणि चिंतितप्रद रत्नाकर।। मरुदेवी के पौत्र आप हे यशस्वती के नंदन। हे स्वामिन्! स्वीकार करो अब मेरा शत-शत वंदन।।२।। आदिब्रह्मा ऋषभदेव से विद्या शिक्षा पाई। संस्कारों से संस्कारित हो आतम ज्योति जगाई।।…