सीता के पाँच द्रहों का वर्णन
सीता के पाँच द्रहों का वर्णन यमक पर्वतों के आगे ५०० योजन जाकर पाँच द्रह हैं। प्रत्येक द्रह पाँच सौ योजन के अंतराल से हैं इनके नाम नील, उत्तरकुरु, चंद्र, ऐरावत और माल्यवान् हैं। ये द्रह सीतोदा के द्रह सदृश हैं। अंतिम द्रह से २०९२-२/१९ योजन दक्षिण भाग में उत्तम वेदी है। यह वेदी पूर्व-पश्चिम…