ऊर्ध्वलोक का घनफल
ऊर्ध्वलोक का घनफल मध्यलोक में पूर्व-पश्चिम दिशा की चौड़ाई १ राजू, आगे ब्रह्म स्वर्ग के पास ५ राजू, दोनों को मिलाने से १±५·६ राजू हुए। इसे आधा करके ६´२·३, दक्षिण-उत्तर की मोटाई ७ राजू से गुणा करके ३²७·२१ हुए, इसमें ब्रह्मस्वर्ग तक की ऊँचाई ३-१/२ राजू का गुणा करके २१²३-१/२·७३-१/२ राजू हुए। यह मध्यलोक से…