शिक्षास्पद कहानियाँ -2
शिक्षास्पद कहानियाँ मांसाहार से हानि मद्यपान से हानि वेश्यासेवन से हानि शिकार खेलना पाप है चोरी करना महापाप है रावण का नाम बुरा क्यों है ?
शिक्षास्पद कहानियाँ मांसाहार से हानि मद्यपान से हानि वेश्यासेवन से हानि शिकार खेलना पाप है चोरी करना महापाप है रावण का नाम बुरा क्यों है ?
जम्बूद्वीप, तेरहद्वीप एवं तीनलोक रचना (संक्षिप्त परिचय) हस्तिनापुर में निर्मित जम्बूद्वीप रचना में- १. सुदर्शनमेरु नाम से सुमेरु पर्वत एक है। २. अकृत्रिम ७८ जिनमंदिर में ७८ जिनप्रतिमाएँ हैं। ३. १२३ देवभवनों में १२३ जिनप्रतिमाएं विराजमान हैं। ४. श्रीसीमंधर आदि तीर्थंकर के ६ समवसरण हैं। ५. हिमवान आदि ६ पर्वत हैं। ६. भरत, हैमवत, हरि,…
हस्तिनापुर का संक्षिप्त परिचय भगवान ऋषभदेव समय-चतुर्थकाल प्रारंभ होने में चौरासी लाख पूर्व वर्ष, तीन वर्ष, आठ माह, एक पक्ष काल शेष रहने पर जन्मभूमि-अयोध्या आगमन-सर्वार्थसिद्धि विमान से पिता-चौदहवें कुलकर नाभिराय माता-महारानी मरुदेवी गर्भावतरण-आषाढ़ कृष्णा द्वितीया। उत्तराषाढ़ नक्षत्र जन्म-चैत्र कृष्णा नवमी, उत्तराषाढ़ नक्षत्र नाम-ऋषभदेव, वृषभदेव, आदिनाथ, पुरुदेव, आदिपुरुष, आदिब्रह्मा, प्रजापति, युगस्रष्टा आदि। आयु-चौरासी लाख पूर्व…
महाभारत इसी कुरुजांगल देश के हस्तिनापुर नगर में परम्परागत कुरुवंशियों का राज्य चला आ रहा था। उन्हीं में शांतनु नाम के राजा हुए उनकी ‘सबकी’ नाम की रानी से ‘पराशर’ नाम का पुत्र हुआ। रत्नपुर नगर के जन्हु नामक विद्याधर राजा की ‘गंगा’ नाम की कन्या थी। विद्याधर राजा ने पराशर के साथ गंगा का…
मुनिराज गुरुदत्त राजा गुरुदत्त हस्तिनापुर का स्वामी था जो न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करता था। एक दिन प्रजा से यह सुनकर कि एक व्याघ्र प्रतिदिन नगर में आता है और जीवों का विध्वंस कर बड़ा दुख देता है, राजा गुरुदत्त को बड़ा क्रोध आया। वह शीघ्र सेना लेकर द्रोणीमान पर्वत पर, जहाँ कि वह व्याघ्र…
रक्षाबंधन पर्व उज्जयिनी नगरी में श्रीधर्मा नाम के प्रसिद्ध राजा थे, उनकी श्रीमती नाम की रानी थी। राजा के बलि, बृहस्पति, नमुचि और प्रह्लाद ऐसे चार मंत्री थे। किसी समय सात सौ मुनियों सहित महामुनि अकंपनाचार्य उज्जयिनी के बाहर उपवन में विराजमान हुए। महामुनि की वंदना के लिए नगर के लोग उमड़ पड़े। महल पर…
सुभौम चक्रवर्ती हस्तिनापुर नगर१ में कौरव वंशी कार्तवीर्य नाम का राजा था, उसने कामधेनु के लोभ में जमदग्नि नामक तपस्वी को मार डाला। जमदग्नि का लड़का परशुराम था। यह भी बड़ा बलवान था अत: उसने क्रुद्ध होकर पिता को मारने वाले कार्तवीर्य को मार डाला तथा अनेकों क्षत्रियों को भी मार डाला। उस समय कार्तवीर्य…
श्री अरनाथ भगवान इसी हस्तिनापुर नगरी में सोमवंश में उत्पन्न हुए राजा सुदर्शन राज्य करते थे। उनकी मित्रसेना नाम की रानी थी। रानी ने फाल्गुन कृष्णा तृतीया के दिन गर्भ में अहमिन्द्र के जीव को धारण किया, उसी समय देवों ने आकर गर्भकल्याणक महोत्सव मनाया। रात्री मित्रसेना ने नवमास के बाद मगसिर शुक्ल चतुर्दशी के…