भगवान ऋषभदेव नृत्य नाटिका
-प्रार्थना- (सामूहिक स्वर में) तर्ज-बहुत प्यार करते हैं……… ऋषभदेव प्रभु को है, मेरा नमन। चरण में समर्पित-२, हैं भक्ति सुमन।।ऋषभदेव.।। मरुदेव माता के घर, रत्न खूब बरसे। अयोध्यापुरी में पिता, नाभिराय हरषे।। चैत्रवदी नवमी को-२, हुआ प्रभु जन्म।।ऋषभदेव.।।१।। इस युग के आदिब्रह्मा, ऋषभदेव स्वामी हैं। पुरुदेव तीर्थंकर की, पदवी से नामी हैं। अवध की प्रजा…