समवसरण चैत्यप्रासाद जिनालय व्रत
समवसरण चैत्यप्रासाद जिनालय व्रत व्रत विधि-इस व्रत में समवसरण की प्रथम चैत्यप्रासाद भूमि के जिनमंदिर, जिनप्रतिमा की वंदना है। इसमें २४ व्रत हैं। उत्तम विधि उपवास, मध्यम विधि अल्पाहार, जघन्य विधि में एक बार शुद्ध भोजन करके व्रत करना है। समुच्चय मंत्र-ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमि-संबंधिसर्वजिनमंदिरजिनप्रतिमाभ्यो नम:। २४ व्रत के २४ मंत्र……… ॐ ह्रीं श्री ऋषभदेवसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर- जिनप्रतिमाभ्यो…