उत्तम तप धर्म का भजन
उत्तम तप धर्म का भजन तर्ज-हम लाए हैं तूफान से……… हे वीतराग प्रभु! मुझे तपशक्ति दीजिए। जब तक तपस्या कर न सवूँâ भक्ति दीजिए।। विपरीत अर्थ करके तप का पतित हो गया। मैं क्षणिक सुख को भोग कर उसमें ही खो गया।। हे नाथ! इन दुखों से मुझको मुक्ति दीजिए। जब तक तपस्या कर न…