कलकत्ता चातुर्मास, सन् १९६३
कलकत्ता चातुर्मास, सन् १९६३ समाहित विषयवस्तु १. कलकत्ता में रक्त-रंजित पैरों से आगमन। २. महानगर में हर्ष की लहर। ३. बेलगछिया ने धार्मिक मेलों के स्थान का रूप ले लिया। ४. माताजी की सभा में प्रश्न पूछने के खूब अवसर। ५. सिद्धचक्र मंडल विधान का आयोजन। ६. कु.सुशीला ने ब्रह्मचर्य व्रत लिया। ७. कलकत्ता से…