प्रथम पट्टाचार्य श्री वीरसागर परिचय एवं पूजा
प्रथम पट्टाचार्य श्री वीरसागर परिचय एवं पूजा….. आचार्य श्री वीरसागर स्तुति: -गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी स्वात्मैकनिष्ठं नृसुरादिपूज्यं। षड्जीवकायेषु दयार्द्रचित्तं।। श्री वीरसिंधुं भववार्धिपोतमाचार्यवर्यं त्रिविधं नमामि।।१।। यो भव्यजीवाननुगृह्य सम्यक्। वृत्तं सुबोधं श्रयणं ददान:।। दोषादिजातेऽपि विशोध्यमान:। सार्वो गभीर: पृथुधर्मतीर्थ:।।२।। रत्नत्रयाख्यं निधिमादधान:। निष्किंचनोऽयं कथमुच्यते ज्ञै:।। सत्त्वानुकंपी च विशुद्धबुद्धि:। कर्मारिकक्षाय खर: कुठार:।।३।। स्वान्तान्धकारान्तकभास्कर: स्यात्। स्याद्वादविद्योदधिचंद्रमाश्च।। त्राता विधाता शरणं गतानाम्।…