नंदीश्वरद्वीप दक्षिणदिश जिनालय स्तोत्र
नंदीश्वरद्वीप दक्षिणदिश जिनालय स्तोत्र -अडिल्ल छंद- नंदीश्वर वर द्वीप आठवाँ जानिये। तामें दक्षिण दिश तेरह नग मानिये।। तिन तेरह पे अकृत्रिम जिनसद्म हैं। वंदूं मन वच काय हरे वसु कर्म हैं।।१।। -कुसुमलता छंद- नंदीश्वर के दक्षिण दिश में, मधि ‘‘अंजनगिरि’’ तुुंग महान। इंद्रनीलमणि सम छवि ऊपर, नित्य निरंजन का गृह मान।। मन वच तन से…