श्री धर्मनाथ चालीसा
श्री धर्मनाथ चालीसा -दोहा- धर्मनाथ भगवान हैं, धर्मचक्र के ईश। इनके चरण सरोज को, नमूँ नमाकर शीश।।१।। धर्मध्वजा फहराई है, अखिल विश्व में नाथ! इसीलिए इच्छा हुई, करने को गुणगान।।२।। -चौपाई- धर्मनाथ भगवान की जय हो, जैनधर्म की सदा विजय हो।।१।। सत्य-अहिंसा परम धर्म की, जय हो शाश्वत दयाधर्म की।।२।। तुमने पूरे जग में स्वामी,…