श्री सुमतिनाथ चालीसा
श्री सुमतिनाथ चालीसा -दोहा- पंचपरमगुरु को नमूँ, नमूँ शारदा मात। सुमति प्रदान करें मुझे, सुमतिनाथ भगवान।।१।। पंचम तीर्थंकर नमूँ, पंचमगति मिल जाए। रोग-शोक बाधा टलें, चहुँदिश सुख हो जाए।।२।। -चौपाई- जय हो तीर्थ अयोध्या की जय, शाश्वत जन्मभूमि की जय जय।।१।। इस हुण्डावसर्पिणी युग में, नहीं यहाँ सब जिनवर जन्में।।२।। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी, अजितनाथ,…