भाइयों की दीक्षा
भाइयों की दीक्षा अयोध्या के द्वार पर आकर चक्ररत्न रुक गया, अंदर प्रवेश नहीं किया। तभी चक्रवर्ती आश्चर्यचकित हो चिंतन करने लगे…… क्या अभी कुछ दिग्विजय अधूरी है ?….. मंत्रियों से परामर्श के बाद निर्णय हुआ कि-अभी आपके भ्राता आपके प्रति समर्पित नहीं हैं…..। अट्ठानवें भ्राताओं के पास दूत के द्वारा पत्र भेजने पर वे…