श्री ऋषभदेव-भरत स्वामी स्तुति
श्री ऋषभदेव-भरत स्वामी स्तुति (हिन्दी काव्य) -शंभु छंद- जय जय आदीश्वर ऋषभदेव, पुरुदेव प्रथम तीर्थंकर हो। जय जय कर्मारिजयी जिनवर, तुम परमपिता परमेश्वर हो।। जय युगस्रष्टा असि मषि आदिक, किरिया उपदेशी जनता को। त्रय वर्ण व्यवस्था राजनीति, गृहिधर्म बताया परजा को।।१।। निज पुत्र पुत्रियों को विद्या-अध्ययन करा निष्पन्न किया। भरतेश्वर को साम्राज्य सौंप, शिवपथ मुनिधर्म…