भजन
“…भजन…” -आर्यिका चंदनामती —शिखरिणी छंद— णमो अरिहंताणं, नमन है अरिहंत प्रभु को। णमो सिद्धाणं में, नमन कर लूँ सिद्ध प्रभु को।। णमो आइरियाणं, नमन है आचार्य गुरु को। णमो उवज्झायाणं, नमन है उपाध्याय गुरु को।।।१।। णमो लोए सव्व-साहूणं पद बताता। नमन जग के सब, साधुओं को करूँ जो हैं त्राता।। परमपद में स्थित, कहें पाँच…