आर्यिका श्री रत्नमती माताजी की कतिपय चित्रमयी झलकियाँ
“…आर्यिका श्री रत्नमती माताजी की कतिपय चित्रमयी झलकियाँ…”
“…आर्यिका श्री रत्नमती माताजी की कतिपय चित्रमयी झलकियाँ…”
“आरती” ॐ जय जय रत्नमती, माता जय जय रत्नमती। मनहारी सुखकारी, तेरी शांत छवी।।ॐ जय.।।टेक.।। मोहिनि से बन रत्नमती यह, पद सच्चा पाया। माता……. कितने रत्न दिये तुम जग को, तज ममता माया।।ॐ जय.।। पूर्व दिशा रवि से मुखरित हो, जग तामस हरतीं। माता……. ज्ञानमती सा रवि प्रगटाकर, मिथ्यातम हरतीं।। ॐ जय.।। रत्नत्रय में लीन…
“…माता मोहिनी एवं मैना का संवाद…” रचयित्री-आर्यिका चन्दनामती तर्ज-बार-बार तोहे क्या समझाऊँ……. माता मोहिनी- बार-बार समझाऊँ बेटी, मान ले मेरी बात। तेरे जैसी सुकुमारी की, दीक्षा का युग है न आज।।टेक.।। मैना – भोली भाली माता मेरी, सुन तो मेरी बात। हम और तुम मिलकर ही, युग को बदल सकते आज।।टेक.।। माता – तूने तो…
“…भजन…” रचयित्री-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती तर्ज—दे दी हमें आजादी…… दे दी जगत को ज्ञानमती मात सी मिसाल। हे रत्नमती मात! तुमने कर दिया कमाल।। टेक.।। तुमको दहेज में मिला इक ग्रन्थ अनोखा। श्री पद्मनन्दिपंचिंवशती था अनूठा।। उस ग्रंथ के स्वाध्याय का रक्खा सदा ख्याल। हे रत्नमती मात तुमने कर दिया कमाल।।१।। संसार से विराग का उससे…
“धन्य धन्य हे रत्नमती तव, चरणन कोटि प्रणाम हैं” -श्री विमल कुमार जैन सोंरया शास्त्री, टीकमगढ़ जिनके यश गौरव से गौरवान्वित यह विश्व ललाम है। धन्य धन्य हे रत्नमती तव चरणन कोटि प्रणाम है।। मानतुंग ने करी वन्दना तुम जैसी सतनारी की, धन्य धरा की पूज्य मातु करता वन्दन भवतारी की। पुत्री एक कोटि पुत्रों…
शीश हमेशा झुका रहे -श्रीमती त्रिशला जैन, लखनऊ (उ.प्र.) नहीं लेखनी लिख सकती है जिनके जीवन की गुणगाथा। इस युग में भी हो सकती है ऐसी धर्म परायण माता।। है होता गर्व मुझे खुद पर जो ऐसी माँ से जन्म लिया। सब पुत्र-पुत्रियों को हरदम जिनने सच्चा उपदेश दिया।। वह याद दिवस अब भी मुझको…
मेरे स्वप्नों की मंजिल का नहीं किसी से नाता -सुभाषचंद जैन, टिकेटनगर मेरे मन का मोह हृदय का गीत किसे है भाता। मेरे स्वप्नों की मंजिल का नहीं किसी से नाता।। माँ की यादों के सागर में मैं नित विचरण करता। हर प्यासी गागर अपने आँसू से भरता रहता।। नहीं भूल पाता हूँ वह मधुरिम…
सत् नारी का बलिदान कभी, इस जग में व्यर्थ नहीं जाता -ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन सत् नारी का बलिदान कभी, इस युग में व्यर्थ नहीं जाता। इनके बलिदानों के बल पर, हर देश नया गौरव पाता।। क्या धर्मनीति क्या राजनीति, हर जगह सुखों की समता है। भारत माता के साये में, सबको ही मिलती ममता…
आदर्शों को अपना लूँ रचयित्री-श्रीमती मालती जैन, बसंतकुंज, दिल्ली इस जग में मां की ममता हर किस्मत वालों को मिलती है। माँ होकर भी ममता न मिले यह बात अजब सी लगती है।। बस इसी कहानी का चित्रण इक ग्रंथ रूप बन जाता है। जहँ नहीं ‘मालती’ ममता का, केवल समता ही नाता है।।१।। अपने-अपने…
पूज्यार्यिकां रत्नमतीं नमामि -अनुष्टुप् छंद- बाराबंकी-जनपदे, टिवैâतनगराह्वय:। सद्धार्मिकाणामावास:, ग्रामो भुवि विराजते।।१।। इस पृथ्वी पर बाराबंकी जिले (उत्तरप्रदेश) में ‘टिवैâतनगर’ नाम का एक ग्राम है, जहाँ सज्जन और धार्मिक व्यक्ति निवास करते हैं। श्रीमान् श्रेष्ठिवरस्तत्र, छोटेलाल: सुधार्मिक:। सुखपालांगजां श्रेष्ठां मोहिनीं परिणीतवान्।।२।। यहाँ श्रीमान् सेठ छोटेलाल जी रहते थे जो एक अच्छे धार्मिक व्यक्ति थे। उनका विवाह…