श्री सर्व गणधरदेव स्तोत्र (१) श्री ऋषभदेव के चौरासी गणधर देव स्तोत्र
श्री सर्व गणधरदेव स्तोत्र (१) श्री ऋषभदेव के चौरासी गणधर देव स्तोत्र -दोहा- गणधर गुरु से वंद्य नित, तीर्थंकर वृषभेश। उन गणधर गुरु को नमूँ, नशते विघ्न अशेष।। -शंभु छंद- श्री ऋषभदेव के तृतीय पुत्र, मां यशस्वती के नंदन हो। तज पुरिमतालपुर नगर राज्य, मुनि बने जगत अभिनन्दन हो।। सब ऋद्धि समन्वित गणधर गुरु, हे…