प्रथम जिनमंदिर की रचना
प्रथम जिनमंदिर की रचना तृतीय काल के अंत समय में यहाँ भूमि पर भोगभूमि की व्यवस्था थी। दश प्रकार के कल्पवृक्षों से सभी प्रकार के भोजन, वस्त्र आदि प्राप्त होते थे। १. पानांग, २. तूर्यांग, ३. भूषणांग, ४. वस्त्रांग, ५. भोजनांग, ६. आलयांग, ७. दीपांग, ८. भाजनांग, ९. मालांग और १०. ज्योतिरंग। ये कल्पवृक्ष अपने-अपने…