बीस तीर्थंकर स्तुति
बीस तीर्थंकर स्तुति -पंचचामर छंद- जयो जयो जयो जिनेन्द्र इंद्रवृंद बोलते। त्रिलोक में महागुरू सु आप नाम तोलते।। सुधन्य धन्य धन्य आप साधुवृंद बोलते। जिनेश आप भक्त ही तो निज किवाड़ खोलते।।१।। समोसरण में आपके महा विभूतियाँ भरीं। अनेक ऋद्धि सिद्धियाँ सुआप पास में खड़ीं।। अनंत अंतरंग गुण समूह आप में भरे। गणीन्द्र औ सुरेन्द्र…