चक्रवर्ती भरत के नाम से भारत
चक्रवर्ती भरत के नाम से भारत -गणिनी ज्ञानमती (जैन ग्रंथ) प्रमोदभरत: प्रेमनिर्भरा बंधुता तदा। तमाह्वद् भरतं भावि समस्तभरताधिपम्।।१५८।। तन्नाम्ना भारतं वर्षमिति हासीज्जनास्पदं। हिमाद्रेरासमुद्राच्च क्षेत्रं चक्रभृतामिदम्।।१५९।। (महापुराण, पर्व–१५) उस समय प्रेम से भरे हुए समस्त बंधुओं ने बड़े हर्ष से समस्त भरत क्षेत्र के अधिपति होने वाले उस पुत्र को ‘भरत’ इस नाम से पुकारा था।…