निर्वाणकाण्ड भाषा
निर्वाणकाण्ड भाषा चाल-हे दीन बंधु………. वृषभेष गिरिकैलाश से निर्वाण पधारे। चंपापुरी से वासुपूज्य मुक्ति सिधारे।। नेमीश उर्जयंतसे निर्वाण गये हैं। पावापुरी से वीर परमधाम गये हैं।।१।। इंद्रादिवंद्य बीस जिनेश्वर करम हने। सम्मेद गिरि शिखर से शिव गये नमूँ उन्हें।। इन चार बीस जिन की सदा वंदना करूँ। निर्वाण सौख्य प्राप्ति हेतु अर्चना करूँ।।२।। बलभद्र सात…