प्रशस्ति
प्रशस्ति श्री शांति कुंथु अरनाथ प्रभू ने, जन्म लिया इस धरती पर। यह हस्तिनागपुर तीर्थ वंद्य, रत्नों की वृष्टि हुई यहाँ पर।। यहाँ जम्बूद्वीप बना सुंदर, जिनमंदिर हैं महिमा मंडित। मेरा यहाँ संघ सहित निवास, स्वाध्याय ध्यान से है हितप्रद।।१।। श्री भरत चक्रवर्ती का विधान, है इक सौ आठ अर्घ्य सुखप्रद। यह तन का सर्वरोग…