श्री पुष्पदंतनाथ विधान
श्री पुष्पदंतनाथ विधान 01. श्री पुष्पदंतनाथ स्तोत्र 02. श्री अर्हंत पूजा 03. भगवान श्री पुष्पदंतनाथ जिनपूजा 04. बड़ी जयमाला
श्री पुष्पदंतनाथ विधान 01. श्री पुष्पदंतनाथ स्तोत्र 02. श्री अर्हंत पूजा 03. भगवान श्री पुष्पदंतनाथ जिनपूजा 04. बड़ी जयमाला
बड़ी जयमाला —दोहा— घाति चतुष्टय घातकर, प्रभु तुम हुए कृतार्थ। नव केवल लब्धी रमा, रमणी किया सनाथ।।१।। चाल—हे दीनबन्धु श्रीपति………. प्रभु दर्श मोहनीय को निर्मूल किया है। सम्यक्त्व क्षायिकाख्य को परिपूर्ण किया है।। चारित्रमोह का विनाश आपने किया। क्षायिक चारित्र नाम यथाख्यात को लिया।।२।। संपूर्ण ज्ञानावरण का जब आप क्षय किया। वैवल्य ज्ञान से त्रिलोक…
पूजा नं. 2 भगवान श्री पुष्पदंतनाथ जिनपूजा -अथ स्थापना (गीता छंद)- श्री पुष्पदंतनाथ जिनेन्द्र त्रिभुवन, अग्र पर तिष्ठें सदा। तीर्थेश नवमें सिद्ध हैं, शतइन्द्र पूजें सर्वदा।। चउज्ञानधारी गणपती, प्रभु आपके गुण गावते। आह्वान कर पूजें यहाँ, प्रभु भक्ति से शिर नावते।। ॐ ह्रीं श्रीपुष्पदंतनाथतीर्थंकर! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीपुष्पदंतनाथतीर्थंकर! अत्र तिष्ठ तिष्ठ…
पूजा नं. 1 श्री अर्हंत पूजा स्थापना—गीता छंद अरिहंत प्रभु ने घातिया को घात निज सुख पा लिया। छ्यालीस गुण के नाथ अठरह दोष का सब क्षय किया।। शत इंद्र नित पूजें उन्हें गणधर मुनी वंदन करें। हम भी प्रभो! तुम अर्चना के हेतु अभिनन्दन करें।।१।। ॐ ह्रीं अर्हन् नम: हे अर्हत्परमेष्ठिन्! अत्र अवतर अवतर…
श्री पुष्पदंतनाथ विधान मंगलाचरण अनादिनिधन णमोकार महामंत्र णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं।। पुष्यन्ति भव्यास्तव नाममंत्रै:, तुष्यन्ति नित्यं गुणकीर्तनेन। पुष्यान्मनो मे जिनपुष्पदंत:, त्वां भक्ति पुष्पांजलिनार्चयामि।।१।। श्रीमुखालोकनादेव श्रीमुखालोकनं भवेत्। आलोकनविहीनस्य तत्सुखावाप्तय: कुत:।।२।। अद्याभवत् सफलता नयनद्वयस्य, देव! त्वदीयचरणाम्बुजवीक्षणेन। अद्य त्रिलोकतिलक! प्रतिभासते मे, संसारवारिधिरयं चुलुकप्रमाणम् ।।३।। अद्य मे क्षालितं गात्रं नेत्रे च…
पंचबालयति विधान 01. पंचबालयति पूजा 02. श्रीवासुपूज्य जिनपूजा 03. श्री मल्लिनाथ जिनपूजा 04. श्री नेमिनाथ जिनपूजा 05. श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा 06. श्री महावीर जिनपूजा 07. बड़ी जयमाला
बड़ी जयमाला जय जय तीर्थंकर बालयती, जय जय जय बाल ब्रह्मचारी। जय वासुपूज्य जय मल्लिनाथ, जय नेमिनाथ शिव सुखकारी। जय पार्श्वनाथ जय महावीर, पाँचों तीर्थंकर बालयती। मैं नमूं अनंतो बार नमूँ, पा जाऊँ पंचम सिद्धगती।।१।। आत्मा औ तनु के अन्तर को, कर तनु से निर्मम हो जाऊँ। मैं शुद्ध बुद्ध परमात्मा हूँ, यह समझ स्वयं…
पूजा नं. 6 श्री महावीर जिनपूजा (तर्ज-तुमसे लागी लगन……) आपके श्रीचरण, हम करें नित नमन, शरण दीजे। नाथ! मुझपे कृपा दृष्टि कीजे।।टेक.।। वीर सन्मति महावीर भगवन् ! बालयति हे…
पूजा नं. 5 श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा -अथ स्थापना- (तर्ज-गोमटेश, जय गोमटेश मम हृदय विराजो……..) पार्श्वनाथ जय पार्श्वनाथ, मम हृदय विराजो-२ हम यही भावना भाते हैं, प्रतिक्षण ऐसी रुचि बनी रहे। हो रसना में प्रभु नाममंत्र, पूजा में प्रीती घनी रहे।।हम०।। हे पार्श्वनाथ प्रभु…
पूजा नं. 4 श्री नेमिनाथ जिनपूजा -अथ स्थापना- (तर्ज-करो कल्याण आतम का……) नमन श्री नेमि जिनवर को, बालयति स्वात्मनिधि पायी। तजी राजीमती कांता, तपो लक्ष्मी हृदय भायी।। करूँ आह्वान हे भगवन्! पधारो मुझ मनोम्बुज में। करूँ मैं अर्चना रुचि से, अहो उत्तम घड़ी आई।। …