आगम
आगम द्वारा-आर्यिका सुद्रष्टिमति माताजी प्र. ७५७ श्रुत को जानने का फल क्या है? उत्तर :”श्रुतस्य विनयो” यदि शास्त्रों का ज्ञान बढ़ता है तो शास्त्रों और पढ़ाने वाले गुरुजनों के प्रति विनय भी बढ़ना चाहिये। विद्याददाति विनयं। विद्या तो विनय ही सिखाती है। जैसे फलों के भार से वृक्षों की डालियाँ झुकती जाती हैं वैसे ही…