श्री नमिनाथ तीर्थंकर विधान
जैन धर्म के 21 वे तीर्थंकर श्री नमिनाथ भगवान हुए हैं, मिथिलापुरी में जन्में भगवान के पिता महाराज विजय एवं माता बप्पिला देवी थीं। भदिलपुर में गर्भ, जन्म, दीक्षा, केवलज्ञान कल्याणक को एवं सम्मेदशिखर में मोक्षकल्याणक को प्राप्त किया ।
पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी में 34अतिशय 8 प्रातिहार्य और चार अनंत चतुष्टय से सहित भगवान नमिनाथ की विधान की रचना करके प्रस्तुत किया, इस विधान में 108 मंत्रों सहित 108 अर्घ्य चढ़ायें जातें हैं ।
यह विधान सबके लिए मंगलमय हो यही मंगल भावना है