वीर नि. सं . २५०६, सन् १९८० में यह पुस्तक लिखी गयी है | यह भी उपन्यास है , जिसमें सेठ सुदर्शन , महामुनि सुकुमाल , रक्षाबंधन एवं अंजन चोर की कथाएँ हैं |