विश्वविख्यात कौरव – पांडव की जीवन कथा जैन महाभारत पांडव पुराण एवं हरिवंश पुराण विस्तार से दी गयी है , उसी को संक्षिप्त सरल एवं सुबोध शैली में इस उपन्यास में दिया गया है |
आचार्य नेमीचन्द्र सिद्धांतचक्रवर्ती विरचित गोम्मटसार जीवकांड ग्रन्थ ७३४ प्राकृत गाथाओं में रचित है | अधिक दुरूह होने से इसे ह्रदयंगम करना जनसाधारण के बस की बात नहीं है | इस दृष्टि से माताजी ने ७३४ गाथाओं में से १४९ गाथाएं चयन कर सार रूप में पुस्तक का सृजन किया है | यह ग्रन्थ विद्यार्थियों के लिए एवं संक्षेप रुचि वालों के लिए अति उपयोगी है |