रक्षाबंधन पूजा!
रक्षाबंधन पूजा स्थापना तर्ज – धीरे-धीरे बोल कोई सुन ना ले…….. सात शतक मुनिवरों की अर्चना करूँ, अर्चना करूँ इनकी वंदना करूँ। ये अकम्पनाचार्यादि थे, उपसर्गजयी मुनिराज थे।।सात शतक.।।टेक.।। हस्तिनागपुर नगरी के उद्यान में, एक बार इन मुनि के चातुर्मास थे। अग्नी का उपसर्ग किया बलि आदि ने, दूर किया उपसर्ग विष्णु मुनिराज ने।। वे…
 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			