भगवान श्री धर्मनाथ जिनपूजा!
भगवान श्री धर्मनाथ जिनपूजा अथ स्थापना गीता छंद श्री धर्मनाथ जिनेन्द्र धर्मामृत पिला के भव्य को।निज आत्म का दर्शन कराया, पथ दिखाया विश्व को।।उनके चरण की वंदना कर, भक्ति से गुण गायेंगे।आह्वान कर पूजें यहाँ, जिनधर्म प्रीति बढ़ायेंगे।। ॐ ह्रीं श्रीधर्मनाथजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीधर्मनाथजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं।…