श्री पंचपरमेष्ठी पूजा!
श्री पंचपरमेष्ठी पूजा अडिल्ल छन्द अर्हत्सिद्धाचार्य, उपाध्याय साधु हैं। कहें पंचपरमेष्ठी, गुणमणि साधुु हैं।। भक्ति भाव से करूँ, यहाँ पर थापना। पूजूँ श्रद्धा धार, करूँ हित आपना।।१।। ॐ ह्रीं अर्र्हत्सिद्धाचार्योपाध्याय सर्वसाधुसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट्। ॐ ह्रीं अर्हत्सिद्धाचार्योपाध्याय सर्वसाधुसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ ह्रीं अर्हत्सिद्धाचार्योपाध्याय सर्वसाधुसमूह! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट्…